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कष्ट हरो माँ

kavyasudha (काव्यसुधा)
kavyasudha (काव्यसुधा)
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कष्ट हरो आनंद भरो
तेजोमय हमें करो माँ
व्यथा मिटाओ जीवन के
मुझे अभय करो माँ.

समग्र अँधियारा मिटे
ज्योतिर्मय हो जीवन
ऐकिक पथ एकनिष्ठ
संशय दूर करो माँ

तजूं कुसंग, सत्संग गहूँ
शूलों में बन सुमन रहूँ
मन से मेरे माया हरो
मुझे निर्बंध करो माँ.

अनीति से लड़ने की शक्ति
राम का बल, कृष्ण नीति
सर्वत्र मैं तुम्हीं को देखूं
ऐसी भक्ति भरो माँ .

….. नीरज कूमार ‘नीर’
मेरी अन्य कवितायेँ यहाँ पढ़ें : KAVYASUDHA ( काव्यसुधा )

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