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साहिल और फेन

kavyasudha (काव्यसुधा)
kavyasudha (काव्यसुधा)
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कोमल फेन
हाथ आते ही बन जाता जल
भीतर रहता
हिल्लोल लेता
महासागर अतल
यह फेनिल जल
जाकर छू आता
अंतर्तल
फिर आता सवार होकर
लहरों पर
स्वप्न टूटता और
साहिल का माया जाल भी
बच जाता महा सागर
अनंत अतल।
Neeraj neer / 25/10/2014
कविता कैसी लगी बताइएगा जरूर …
आप यहाँ मेरी अन्य कवितायें पढ़ सकते हैं : KAVYASUDHA ( काव्यसुधा )

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