kavyasudha (काव्यसुधा)
- 29 Posts
- 11 Comments
एक पुरुष करता है
अपनी स्त्री से बहुत प्यार.
वह उसे खोना नहीं चाहता है ,
उसपर चाहता है एकाधिकार ।
उसने डाल दी है
उसके पांवों में बेड़ियाँ.
स्त्री भी करती है
उससे बेपनाह मुहब्बत.
वह भी उसे खोना नहीं चाहती.
पर वह नहीं डाल पाती है
उसके पैरों में बेड़ियाँ.
बेड़ियाँ मिलती हैं बाजार में
खरीदी जाती हैं पैसों के बल पर.
नीरज कुमार नीर ..
Neeraj Kumar Neer
मेरी अन्य कवितायें यहाँ पढ़ें : KAVYASUDHA ( काव्यसुधा )
Read Comments