kavyasudha (काव्यसुधा)
- 29 Posts
- 11 Comments
लेकर ध्वजा राष्ट्र प्रेम की
आगे हम बढ़ें
खेतों में खुशहाली का
लहराये पैदावार
पेट भरे हर भूखे का
फैले सदाचार
अंत भ्रष्ट तंत्र का
मिटे दुराचार
युवा भारत में विकास की
नई परिभाषा हम गढ़ें ।
भुजाओं में बल
हृदय में साहस भरा
जाति धर्म और उंच-नीच से
मुक्त करें यह धरा
मन में कोई मैल नहीं
रहे सोने सा खरा
स्वस्थ देह हो और
खूब हम पढ़ें
लेकर ध्वजा राष्ट्र प्रेम की
आगे हम बढ़ें
……. नीरज कुमार नीर
मेरी अन्य कवितायें यहाँ पढ़ें : KAVYASUDHA ( काव्यसुधा )
Read Comments